Month: November 2021

  • मृत्यु के तांडव में शिवसंकल्प

    मृत्यु के तांडव में शिवसंकल्प

    लेखक – किशनसिंह चावडा (जिप्सी) प्लेग के दिन थे। महामारी ने पूरे शहरमें भय और आतंक का वातावरण फैला रखा था। जिन्हें बाहर चले जाने की सुविधा थी, वे कभी के शहर छोड़ कर चले गये थे। धनवान और उच्च मध्यम वर्ग के बहुत से लोग शहर के बाहर कुटिया बना कर रहने लगे थे।…

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  • गांधी के साथ ज़बरदस्ती ठीक नहीं

    सार्थक संवाद ब्लॉग पर 16 अक्टूबर को एक लेख छपा। सुशोभित जी द्वारा लिखे इस लेख का शीर्षक है “श्रम के मूल्यांकन में विवेक की भूमिका”। यह लेख मैंने जब पढ़ा, तो मुझे यह ठीक नहीं लगा। मित्र आशुतोष जी के कहने पर मैंने अपनी आपत्ति को कमेंट्स सेक्शन में दर्ज़ कराया। बाद में उनका…

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