कभी कभी आपको कुछ छोटे छोटे अनुभव बहुत कुछ बता जाते हैं। कुछ किस्से लोगों के मन मस्तिष्क में चल रहे विचारों की गाथा सुना जाते हैं।
स्व. किशनसिंह चावड़ा जब एक बार ट्रेन से अहमदाबाद से वडोदरा जा रहे थे, तब उन्हें दो अनूठे अनुभव हुए, जो नीतिमत्ता के दो पहलुओं को मुखर कर देते हैं।
ना कोई उपदेश, ना कोई भारी भरकम भाषा, बस एक ही यात्रा में घटी दो घटनाओं का विवरण – कहीं न कहीं आपको सरलता, सहजता, न्यायप्रियता और सहज आनंद की यात्रा करा जाते हैं।