Month: January 2021
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क्या आयुर्वेद वस्तुतः कोई गुप्त या गोपनीय शास्त्र है? (भाग २/२)
पारंपरिेक शोध की जहाँ तक गोपनीयता का प्रश्न है यह आरोप बेबुनियाद है। वास्तविकता यह है, कि एक वैद्य देश, काल, पात्र एवं रोग के अनुरूप औषध रचना में कितना दक्ष है यह उसके अनुभूत योग से प्रकट होता था। अनुभूत स्वतंत्र योगों का पहले चिकित्सकों के बीच आदान-प्रदान होता था। बाद में जब कोई…
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क्या आयुर्वेद वस्तुतः कोई गुप्त या गोपनीय शास्त्र है? (भाग १/२)
आयुर्वेद के विषय में एक विचित्र आरोप-प्रत्यारोप चलता रहा है। यह वैसा ही आरोप है, जैसा आज से पचास – सौ वर्ष पहले योग एवं तंत्र पर लगा करता था और आज भी लगा करता है, जैसे कि; आयुर्वेद के ग्रंथ गोपनीयता की वकालत करते हैं। वैद्य अपनी विद्या को गुप्त रखते हैं। अनेक वैद्य…
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Bharathiya – Non-Translatable words: Part 8
The subjects that were taught at the Gurukuls were very specialized but unfortunately the subject names have been misrepresented or wrongly translated. Here I have made a sincere attempt to bring the correct meaning of the subjects and some terminologies too. 59. Vyakarana: Vyakarana is usually referred to as Grammar but Vyakarana is much more…
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‘सहयोग’ आधारित ग्राम की समृद्धि-व्यवस्था (भाग 3/3)
‘ऋण का भाव’ पैदा करने वाली व्यवस्था: समाज में हर तरह के काम के लिए ‘सहयोग की अर्थव्यवस्था’ ही व्याप्त रही है, जिसके माध्यम से समाज में एक तरह के ‘मानस निर्माण’ जैसे बहुत से उद्देश्य स्वतः ही सधते रहे हैं। पूरी व्यवस्था में एक-दूसरे के प्रति बनाई गई ‘परस्पर निर्भरता’ और ‘आपसी सहयोग’ का…
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‘सहयोग’ आधारित ग्राम की समृद्धि-व्यवस्था (भाग 2/3)
(गुरुजी श्री रवीन्द्र शर्मा जी के साथ की बातचीत के आधार पर) ‘धन के हस्तांतरण’ के विभिन्न प्रकारों वाली व्यवस्था: जिस तरह हमारे समाज में ‘धन’ के ढेर सारे स्वरूप थे, उसी तरह हमारे समाज में धन के एक हाथ से दूसरे हाथ तक हस्तांतरण के भी बहुत सारे तरीके हुआ करते थे। आजकल तो…