Deconstructing Modernity

भारत में प्रतिदिन औसतन २७००० मौतें होती हैं, जबकि कोरोना से होने वाली मौतें उसकी तुलना में बहुत ही कम हैं, फिर भी वैश्विक मीडिया के द्वारा इसे इतने बड़े भय के स्वरूप में प्रसारित किया जा रहा है। यह एक ऐसा प्रयोग है कि जिसमें मीडिया के द्वारा समग्र विश्व के मनोभावों को नियंत्रित करने का प्रयास हुआ और यह प्रयास बहुत हद तक सफल भी हुआ है। यदि मीडिया भय का प्रसार कर सकता है, तो और भी मनोभावों का प्रसार कर सकता है। अत: मीडिया से सावधान रहना अत्यावश्यक है।
संभव है, कोरोना के समय में कुल मौतें काम भी हुई हों, जिनका श्रेय लॉक-डाउन के चलते सड़क हादसों के व आतंकवाद के कम होने के साथ साथ लोगों के अस्पताल न जाने को भी दिया जा सकता है। अनावश्यक दवाइयां और अनावश्यक ऑपरेशन भी कई मौतों के कारण हो सकते हैं, जिनसे इस समय में संभवत: बहुत सारे लोग बच पाए। चिकित्सा क्षेत्र में भी यह एक जांच का विषय होना चाहिए।
सुनिए पवन गुप्त जी की वाणी में Deconstructing Modernity शृंखला।

Pawan Gupta (PART 2) Deconstructing Modernity: Fear of Unknown in modern mind

What is the fear of unknown in the modern mind? Listen to the conversation between Harsh Satya and Pawan Kumar Gupta.

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