Category: Ek Bharat Aisa Bhi
एक भारत ऐसा भी के पिछले अंक में हमने भारतीय अर्थव्यवस्था से संबंधित एक कहानी सुनी, जिसमें एक कुम्हार की कहानी थी। उस कहानी को
कहते तो सब हैं कि भारत में अन्न, दूध, औषधि, शिक्षा और न्याय का व्यापार वर्जित था, लेकिन इस व्यवस्था के पीछे का चिंतन किया
प्रस्तुत है एक भारत ऐसा भी का द्वितीय अंक, एक ऐसी कहानी, जो आपको सोचने पर विवश कर देगी। कहानी यहाँ लिखकर आपका मजा किरकिरा
आज भी भारत के गाँवों में खुद रहे हजारों लाखों कुओं के लिए सेटेलाईट की कोई जरूरत नहीं पड़ती है, सिर्फ हाथ में नारियल लेकर