Category: Hindi Articles
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भारत गाथा (खण्ड २-३) प्रकाशित हुए
‘भारत गाथा’ पुस्तक शृंखला आदरणीय गुरुजी स्व. श्री रवीन्द्र शर्मा जी की बातचीत को साहित्यिक, अकादमिक, आदि हलकों तक ले जाने के उद्देश्य से किया गया एक प्रयास है। इस पुस्तक शृंखला का दूसरा खण्ड ‘प्रौद्योगिकी’ तथा तीसरा खण्ड ‘घर एवं वास्तु’ प्रकाशित हो गया है । इसके पूर्व, ‘भिक्षावृत्ति’ के रूप में पहला खण्ड…
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उजाले से अँधियारे में : भाग (२/२)
गतांक से चालू। भाग १ यहाँ पढ़ें। (२) शाम ढल चुकी थी। कृष्णपक्ष की रात का अँधेरा उतर आया था। बिजली के खम्भों की रोशनी से वह दबने को तैयार नहीं था। ठण्ड कह रही थी, कि दिल्ली में मेरा राज है, काँग्रेस का नहीं। शायद नौ बजे होंगे। पूरे शाहजहाँ रोड पर मेरे सिवा…
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उजाले से अँधियारे में : भाग (१/२)
नयी दिल्ली का अपना एक विशिष्ट व्यक्तित्व है। उस पर पंजाबी संस्कारिता की छाप है और उत्तर प्रदेश की सभ्यता का प्रभाव है। दिल्ली की अपनी परम्परागत मौलिक तहज़ीब तो उसके ताने-बाने में बुनी हुई है, परन्तु आजकल ये सारे प्रभाव तिरोहित होते जा रहे हैं और उन पर छा गया है पश्चिम की संस्कृति…
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वाल्मीकि रामायण में संचार कौशल के अद्भूत प्रकरण
हम रामायण महाभारत आदि में कहानियाँ देख सकते हैं, भक्ति देख सकते हैं, जीवन मूल्य देख सकते हैं। ये महाकाव्य तो महासागर के समान हैं। इनमें से जो ढूंढना चाहो, जान सकते हो। अनिल मैखुरी जी वाल्मीकि रामायण में वर्णित दो प्रसंगों में से संचार कौशल से जुडी महीन बातें ढूंढकर हमें बताते हैं, कि…
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वैश्विक चुनौतियाँ एवं भारतीय मार्ग पर आधारित वैश्विक दृष्टि : भाग (३/३)
गतांक से चालू। भाग २ यहाँ पढ़ें। ‘सनातन सत्य’ अर्थात ‘जो है’ उसे देखना और उसमें जीना। इसे अनुभव की एक विशेष अवस्था प्राप्त हो जाने के पर साक्षात देखा गया है। यहाँ मानव नियंत्रक नहीं है बल्कि वह तो मात्र ‘दृष्टा’ है। उसके भीतर ही कहीं असीम शक्ति का स्रोत है जिस तक उसे…
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वैश्विक चुनौतियाँ एवं भारतीय मार्ग पर आधारित वैश्विक दृष्टि : भाग (२/३)
21वीं सदी का सबसे बड़ा व्यापार, हथियारों व अन्य युद्ध सामग्रियों से जुड़ा हुआ है। संयुक्त राज्य अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य बजट है, जिसमें प्रतिवर्ष 876.9 अरब डॉलर का खर्च होता है। उसके बाद सबसे बड़ा सैन्य व्ययकर्ता चीन है, जो प्रतिवर्ष 292 अरब डॉलर खर्च करता है। चीन के बाद नम्बर आता है…
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वैश्विक चुनौतियाँ एवं भारतीय मार्ग पर आधारित वैश्विक दृष्टि : भाग (१/३)
वर्तमान विश्व में व्याप्त तमाम तरह की चुनौतियों पर सतही स्तर के कई विचार दिए जा सकते हैं, हालाँकि यदि वास्तव में विवेचना की जाए, तो हम पायेंगे कि ‘मनुष्य की मनःस्थिति’ अथवा ‘दृष्टि’ ही वर्तमान परिस्थितियों की सबसे प्रमुख कारक रही है। धारणाएँ और मान्यताएँ वे प्रमुख तत्व हैं, जिनसे मनोस्थिति निर्मित होती है।…
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कफनफरोश
मित्रमंडली में उनका प्यार का संक्षिप्त नाम था आर. डी., सो इस हद तक, कि उनकी पत्नी तक बातचीत में उनका उल्लेख बिना किसी संकोच के इसी नाम से करती। आदमी थे गणित के क्षेत्र के। गणित विषय लेकर एम.ए. की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की थी, लेकिन ललित कलाओं में बेहद दिलचस्पी। जीवन के प्रति अपार…
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श्रीरामजन्मभूमि मंदिर के निर्माण का आधार रूप दीर्घकालीन बौद्धिक संघर्ष
श्रीरामजन्मभूमि पर मन्दिर निर्माण के लिए न केवल लम्बी क़ानूनी लड़ाई लड़ी गई थी और धरातल पर कारसेवकों ने इसके लिए संघर्ष किया था, बल्कि इसकी तर्कयोजना के निर्माण के लिए अनेक बुद्धिजीवियों ने भी अख़बारों के पन्ने रंगे थे। यह दुनिया का इकलौता ऐसा मामला होगा, जिसमें किसी देश के बहुसंख्यक समुदाय ने अपने…
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अयोध्या में राम की स्थापना वभारतीय मानस का पुनरुद्धार : वाल्मीकि रामायण पर आधारित
रामायण के बालकाण्डम् के पंचम सर्गः के नवें श्लोक में वाल्मीकि जी कहते हैं कि राजा दशरथ ने अयोध्यापुरी को ‘धर्म’ और ‘न्याय’ के बल पर बसाया है। यह है ‘भारतीय मानस’। किसी नगर को बसाने हेतु मुख्य तत्व ‘धर्म’ और ‘न्याय’ हैं। स्वभाविक है, कि यहाँ ‘धर्म’ से तात्पर्य किसी सम्प्रदाय विशेष से नहीं…
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