Author: Harsh Satya
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गांधी के साथ ज़बरदस्ती ठीक नहीं
सार्थक संवाद ब्लॉग पर 16 अक्टूबर को एक लेख छपा। सुशोभित जी द्वारा लिखे इस लेख का शीर्षक है “श्रम के मूल्यांकन में विवेक की भूमिका”। यह लेख मैंने जब पढ़ा, तो मुझे यह ठीक नहीं लगा। मित्र आशुतोष जी के कहने पर मैंने अपनी आपत्ति को कमेंट्स सेक्शन में दर्ज़ कराया। बाद में उनका…
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A Village of Watermills
I came across a short film by Akira Kurosawa- “A Village of Watermills”. I am told that films are probably the most powerful medium amongst all the art forms. The stitching together of visuals, sounds and words can create powerful moments of immersion. This film by Kurosawa is likely to create such a moment in…
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धर्म और हमारा साधारण समाज: भारतीय ग्राम व्यवस्था का सैद्धान्तिक आधार
इस ज़माने में क्या काम करने योग्य है और उस काम को कैसे किया जाय? ये दो महत्त्वपूर्ण प्रश्न हैं। ऐसा सुना है कि लगभग १०० वर्ष पूर्व लेनिन ने भी ये दो प्रश्न पूछे थे – what is to be done और how it is to be done। इन प्रश्नों के उत्तर भी उन्होंने…
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