धर्मपाल जी का समग्र लेखन छपने के बाद उसमें से प्रत्येक अध्येता अपनी रुचियों के अनुसार गुज़रता है। मैं भी कुछ हिस्सों से गुज़रा। स्वभावतः

Read More

मानव जीवन तीन प्रकार के सम्बन्धों में विस्तृत है। या यह भी कह सकते हैं, कि बंधा हुआ है: मनुष्य का अन्य मनुष्यों से सम्बन्ध; मनुष्य का प्राकृतिक विश्व के साथ सम्बन्ध और मनुष्य का परम तत्त्व – ईश्वर के साथ सम्बन्ध। तीन रिश्ते सम्पूर्ण रूप से एक दूसरे से स्वतंत्र नहीं हैं, क्योंकि तीसरा अगर जीवन में न हो, तो नैतिकता की प्रेरणा का कोई निरपेक्ष आधार नहीं रहता।

Read More