Month: September 2022
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धर्मपाल – रवीन्द्र शर्मा गुरुजी – आधुनिकता: भाग १
धर्मपाल जी का समग्र लेखन छपने के बाद उसमें से प्रत्येक अध्येता अपनी रुचियों के अनुसार गुज़रता है। मैं भी कुछ हिस्सों से गुज़रा। स्वभावतः भारत की वे छवियाँ टूट गयीं, जो बरसों से मन में आधुनिक शिक्षा के कारण बनी हुई थीं, लेकिन इन छवियों के टूटने के कारण विशिष्ट थे।
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सौभाग्य
हमारे घर में नागपंचमी के दिन नागदेवता की पूजा होती थी। हमारे पुरोहित छगन महाराज सुबह से ही आकर चंदन घिसने लगते। घिसा हुआ चंदन एक कटोरी में भरते। फिर एक दातुन को कुचल कर उसकी कूची बनाते। एक आले को गोबर से लीपा जाता। कूंची से उस लिये हुए आले में नागदेवता के चित्र…
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जीवन राजनीति ही है?
मानव जीवन तीन प्रकार के सम्बन्धों में विस्तृत है। या यह भी कह सकते हैं, कि बंधा हुआ है: मनुष्य का अन्य मनुष्यों से सम्बन्ध; मनुष्य का प्राकृतिक विश्व के साथ सम्बन्ध और मनुष्य का परम तत्त्व – ईश्वर के साथ सम्बन्ध। तीन रिश्ते सम्पूर्ण रूप से एक दूसरे से स्वतंत्र नहीं हैं, क्योंकि तीसरा…
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