Author: आचार्य मिथिलेशनन्दिनीशरण जी महाराज
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देवालय निर्माण
जीवन में आपके समक्ष कौन कौन सी परिस्थिति उत्पन्न होगी, ये आपके अधिकार क्षेत्र से परे है, किन्तु उन परिस्थितियों को आप कौन से दृष्टिकोण से देखेंगे, ये तो आप ही निश्चित कर सकते हैं। पढ़िए *देवालय का निर्माण* अयोध्या स्थित *आचार्य श्री मिथिलेशनन्दिनी शरण जी* की कलम से।
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अयोध्या का पुनर्निर्माण?
निर्माण सदा एक चुनौतीभरा कार्य होता है, पुनर्निर्माण उससे भी अधिक। जगत् का निर्माण करने वाले ब्रह्मा भी इसके लिये तप करते हैं और प्रलय के पूर्व की सृष्टि को पुनर्निर्माण का आधार बनाते हैं।
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