Author: Ashish Gupta

  • भारत गाथा (खण्ड २-३) प्रकाशित हुए

    भारत गाथा (खण्ड २-३) प्रकाशित हुए

    ‘भारत गाथा’ पुस्तक शृंखला आदरणीय गुरुजी स्व. श्री रवीन्द्र शर्मा जी की बातचीत को साहित्यिक, अकादमिक, आदि हलकों तक ले जाने के उद्देश्य से किया गया एक प्रयास है। इस पुस्तक शृंखला का दूसरा खण्ड ‘प्रौद्योगिकी’ तथा तीसरा खण्ड ‘घर एवं वास्तु’ प्रकाशित हो गया है । इसके पूर्व, ‘भिक्षावृत्ति’ के रूप में पहला खण्ड…

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  • भारतीय समाज व्यवस्था और उसका आर्थिक पक्ष, राष्ट्रीय संगोष्ठी – एक रिपोर्ट

    भारतीय समाज व्यवस्था और उसका आर्थिक पक्ष, राष्ट्रीय संगोष्ठी – एक रिपोर्ट

    मित्रों, आज जब भी भारतीय व्यवस्थाओं की बात होती है, तो अक्सर पदार्थों (ऑर्गेनिक भोजन, मिट्टी के मकान – बर्तन इत्यादि) तक बात सीमित रह जाती है और ये सब भी इतने महंगे में बिकता है, कि साधारण व्यक्ति के बस से तो बाहर ही हो चला है। लेन देन का एक मात्र माध्यम व्यापार…

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  • परंपरा और विज्ञान – (भाग २/२)

    आधुनिक (पाश्चात्य) विज्ञान विकासशील विज्ञान है, जो किसी प्रस्थापित तथ्य को गलत सिद्ध करके नया तथ्य प्रस्थापित करता है, हो सकता है, उसी तथ्य को कुछ समय बाद गलत सिद्ध करके किसी और तथ्य को प्रस्थापित किया जाए। अर्थात् आधुनिक विज्ञान सतत परिवर्तनशील है। आज हमारे यहाँ जितना भी परंपराओं के दस्तावेजीकरण का कार्य चल…

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  • परंपरा और विज्ञान – (भाग १/2)

    अभी कुछ दिन पहले ही नवगठित मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद की राज्य स्तरीय सलाहकार समिति की प्रथम बैठक एक कार्यशाला के रूप में सम्पन्न हुई। बैठक और कार्यशाला का मुख्य विषय ‘पारम्परिक एवं देशज ज्ञान-विज्ञान का चिन्हीकरण और दस्तावेजीकरण’ था। श्री आशीष कुमार गुप्ता जी के विचार बैठक में प्रस्तुत लोगों को विशेष रूप से…

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  • आधुनिकता और टेक्नोलॉजी (५/५)

    गतांक से चालू। भाग ४ यहाँ पढ़ें। छोटी टेक्नोलॉजी में माल बेचने के लिए बिचौलिये की जरूरत नहीं होती है। इसके विपरीत बड़ी टेक्नोलॉजी में बिना बिचैलिये के माल बेचा ही नहीं जा सकता है और वहीं से ‘कमीशन बाज़ी’ का सारा खेल शुरू हो जाता है। आज पूरा का पूरा समाज ‘कमीशन बाज़ी’ के…

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  • आधुनिकता और टेक्नोलॉजी (४/५)

    गतांक से चालू। भाग ३ पढ़ने के लिए यहाँ click करें। चूँकि छोटी टेक्नोलॉजी में उत्पादन शून्य पर होता है, इसीलिए उसमें आज के समय के चार सबसे बड़े खर्चे – packing, transportation, advertising और tax – बिल्कुल भी नहीं होते हैं। छोटे कारखानों में, कारीगरों के अपने – अपने गाँव और अपने – अपने…

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  • आधुनिकता और टेक्नोलॉजी (३/५)

    गतांक से चालू भाग २ यहाँ पढ़ें। छोटी टेक्नोलॉजी में ‘एक’ चीज बनाने का सामर्थ्य है, जो कि बहुत बड़ी ताकत है, क्योंकि ‘एक’ चीज बनाना बहुत कठिन है। बड़े-बड़े कारखानों में ये ‘एक’ चीज बनाना संभव नहीं है, मगर छोटी टेक्नोलॉजी में कारीगर बड़ी आसानी से यह काम कर डालते हैं। वे एक चीज…

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  • आधुनिकता और टेक्नोलॉजी (२ / ५)

    गतांक से चालू भाग १ यहाँ पढ़ें। छोटी टेक्नोलॉजी इतनी सरल होती है, कि उसको कहीं भी ले जाया जा सकता है, जबकि बड़ी टेक्नोलॉजी एक जगह स्थिर होकर रहती है। भारतीय सभ्यता में जो टेक्नोलॉजी है, उसको चाहते, तो बहुत बड़ी भी बनाया जा सकता था, मगर टेक्नोलॉजी को इतना सरल, इतना छोटा करके…

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  • आधुनिकता और टेक्नोलॉजी (१ / ५)

    गुरुजी श्री रवीन्द्र शर्मा जी के अनुसार भारतीयता और आधुनिकता के अंतर को समझने का एक आसान सा तरीका भारतीय टेक्नोलॉजी और आधुनिक टेक्नोलॉजी के अंतर को समझ लेना भी है। बहुत सारी अन्य चीजों को समझने के साथ-साथ, गुरुजी आधुनिकता को समझने के लिए आज की टेक्नोलॉजी और उसके परिणामों को बहुत ही विस्तार…

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  • श्रद्धांजलि – श्री. सुनील गुणवंतराव देशपाण्डे (उर्फ बांसपाण्डे)

    श्रद्धांजलि – श्री. सुनील गुणवंतराव देशपाण्डे (उर्फ बांसपाण्डे)

    सुनील गुणवंत राव देशपाण्डे(24 मार्च, 1965 – 19 मई, 2021) अत्यंत दुख का विषय है कि देशभर में बाँस और बाँस कारीगरी के पर्याय बन चुके श्री सुनील देशपाण्डे जी हमारे बीच नहीं रहे। गत 19 मई की रात लगभग 11 बजे नागपूर के किंगसवे अस्पताल में कोरोना के इलाज के दौरान उनका निधन हो…

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