अलग अलग सभ्यताओं में अलग अलग भाषाएँ अलग अलग बोलियाँ बोली जाती हैं। ये भाषाएँ व बोलियाँ वहाँ की मान्यताओं को, वहां की सोचने समझने की प्रक्रिया को दर्शाती भी हैं व बनाती भी हैं। अंग्रेजी और भारतीय भाषाओं की रचना में व उपयोग में कुछ प्रमुख भेद हैं, ये भेद इन सभ्यताओं की मूलभूत मान्यताओं के भेद व उनकी विश्वदृष्टि के भेद को उजागर करते हैं।
सुनिए पवन गुप्त जी की वाणी में Deconstructing Modernity शृंखला का तृतीय चरण: Civilizational mind and the Unknown।
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