Month: May 2020
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हमारी स्वयं की समझ?
1750 में अंग्रेज़ और पश्चिम के अन्य आर्थिक इतिहासकारों के अनुसार भारतवर्ष दुनिया के कुल गैर कृषि उत्पाद का 24.5 से लेकर 33% उत्पादन करता था। यह लगभग निर्विवाद है। बहस 24.5 और 33 के बीच की है। Huntington की बहुचर्चित पुस्तक A Clash of Civilisation मैं 33% वाला आंकड़ा है। माने 1750 तक भी…
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लॉक-डाउन, बड़े उद्योग और संचार जाति वाला समाज
इस पूरे कोरोना प्रकरण के दो प्रमुख उप-प्रकरण सामने आ रहे हैं । एक तो ‘कोरोना वायरस’ प्रकरण और दूसरा ‘लॉक-डाउन’ प्रकरण । ‘कोरोना वायरस’ उप-प्रकरण से जो सीख मिलेगी, सो मिलेगी, पर यह ‘लॉक-डाउन’ उप-प्रकरण समाज व्यवस्थाओं के बारे में ढेरों सीख देते जा रहा है । लॉक-डाउन के बाद चारों ओर ‘हाथ कँगन…
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लोकसंस्कृति में छूत की बीमारी और श्रद्धा मैकनिज़्म
लोक जीवन की समस्त घटनाओं में भारतीय संस्कृति के हीं विविध रूप देखने को मिलते हैं। मुझे याद है कि बचपन में जब मुझे छोटी माता (चिकन पॉक्स) हुई थी, तो मुझे सबसे अलग रखा गया था। मेरे कमरे की विशेष सफाई और उसमें नीम के पतों का अधिकाधिक प्रयोग जैसे- विछावन और सिरहाने आदि…
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भारत और भारतीयता के व्याख्याता
बुद्ध पूर्णिमा मेरे लिए मिश्र स्मृतियाँ लेकर आती हैं, गौतम बुद्ध के उदय को सूचित करती है, और साथ ही एक और विभूति के विलय को भी। वह विभूति थे श्री रवीन्द्र शर्मा जी, जिन्हें प्यार से लोग गुरुजी कहकर पुकारते थे। आज गुरुजी की द्वितीय पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी बातों को, कथाओं को,…