Category: Hindi Articles
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आनयन शिविर
हमें आनयन शिविर के विषय में आपको सूचित करते हुए आनंद होता है। आनयन शिविर में मिट्टी के प्लास्टर, वन भ्रमण एवं वन कथा, पुरातत्त्वीय मंदिरों के दर्शन व भ्रमण, लकड़ी की नक्काशी, मिट्टी / लकड़ी से मूर्तिनिर्माण, आयुर्वेदिक जीवनशैली इत्यादि विषयों पर काम होगा। शिविर का आयोजन १८ फरवरी से २६ फरवरी, २०२३ के…
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भाषा का प्रश्न, भारत में अंग्रेजी : तमस की भाषा भाग (५/५)
भाग ४ पढ़ने के लिए यहाँ click करें। ‘प्रोग्रेस’ और ‘प्रोग्रेसिव’- प्रगतिवाद और प्रगतिवादी: सेकुलरिजम के अन्य साजो सरंजाम के साथ प्रोग्रेस के विचार और शास्त्र की सवारी बैठा कर अंग्रेजी की गाड़ी भारत में लायी गयी है। इसीलिए प्रोग्रेस के विचार और उसके परिणाम को समझना जरूरी है। जबसे ‘प्रोग्रेस’ का मन्त्र आया है, हमारी भाषाओं…
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कला आश्रम में आयोजित होने वाली पारंपरिक काजल बनाने और इस्तेमाल करने की विधियों को सीखने की कार्यशाला
आश्रम यह देखता और मानता आया है, कि भारत एक उद्योग प्रधान देश रहा है और हमारे लोगों में गाँव में ही काजल से लेकर लोहा तक बना लेने का सामर्थ्य रहा है और इन सबको बनाने के लिए कोई बड़ा तामझाम करने की भी आवश्यकता कभी नहीं रही। आँखों में लगाने वाला काजल न…
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भाषा का प्रश्न, भारत में अंग्रेजी : तमस की भाषा भाग (४/५)
भाग ३ पढ़ने के लिए यहाँ click करें। तमस के फैलाव की भाषा यूरोप में अपनी जरूरत के हिसाब से रेनेसां हुआ, जिसे वे enlightenment कहते हैं, लेकिन वास्तव में वो अन्धकार युग का उद्घाटन था। उसके हिसाब से जीवन दृष्टि और विश्वदृष्टि को प्रतिपादित करने वाले प्रत्ययों को ठीक विपरीत अर्थ दे दिया गया। दूसरे शब्दों…
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भाषा का प्रश्न, भारत में अंग्रेजी : तमस की भाषा भाग (३/५)
भाग २ पढ़ने के लिए यहाँ click करें। भाषा धर्म चेतना की वाहक गहरे अर्थ में और अंतिम रूप से अंग्रेजी को अपना लेने का अर्थ अपने धर्म से, अपने लोगों से,अपनी विरासत से सम्बन्ध तोड़ देना है; उसे केवल औपचारिक बना देना है, क्योंकि भाषा में संस्कृति है और संस्कृति में धर्म। धर्म से संस्कृति…
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भाषा का प्रश्न, भारत में अंग्रेजी : तमस की भाषा भाग (२/५)
भाग १ पढ़ने के लिए यहाँ click करें। भाषा केवल शब्द और व्याकरण नहीं है। भाषा के लिए शायद बेहतर शब्द बोली है: जो बोलना चाहते हैं, उससे भाषा बनती है। हमारी बोली में हमारी जीवन दृष्टि बोलती है, हमारे जीवन सिद्धांत बोलते हैं; हमारी विश्व दृष्टि बोलती है। क्या तमिल प्रजा जिसकी अपनी संस्कृति…
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भाषा का प्रश्न, भारत में अंग्रेजी : तमस की भाषा (भाग १/५)
अंग्रेजी भाषा के प्रभुत्व से मुक्त होने की अपील करते हुए अमित शाह ने कुछ समय पहले जो कुछ कहा उसे बड़ी आसानी से उस विवाद के खाके में रख दिया गया, जिसकी आड़ में अंग्रेजी को सुरक्षित रखने की कुटिल नीति चलती रही है: भारतीय भाषाएँ बनाम अंग्रेजी के बदले हिंदीं बनाम अंग्रेजी। उपर से कहा गया अमित…
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धर्मपाल – रवीन्द्र शर्मा गुरुजी – आधुनिकता: भाग ५
गुरुजी (रवींद्र शर्मा जी) ने भारत का जो दर्शन किया – कराया है, वह वाचिक परंपरा के माध्यम से ही हुआ है, जिसके महत्त्व को लेकर धीरे धीरे स्वीकार्यता बढ़ रही है। गुरुजी अपनी प्रलय के पहले बीज संरक्षण की जो प्रसिद्ध कथा सुनाते हैं, कुछ उसीसे जुड़ा हुआ परंपराओं के अभिलेखीकरण का कार्य विगत…
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धर्मपाल – रवीन्द्र शर्मा गुरुजी – आधुनिकता: भाग ४
गुरुजी (रवींद्र शर्मा जी) ने भारत का जो दर्शन किया – कराया है, वह वाचिक परंपरा के माध्यम से ही हुआ है, जिसके महत्त्व को लेकर धीरे धीरे स्वीकार्यता बढ़ रही है। गुरुजी अपनी प्रलय के पहले बीज संरक्षण की जो प्रसिद्ध कथा सुनाते हैं, कुछ उसीसे जुड़ा हुआ परंपराओं के अभिलेखीकरण का कार्य विगत…
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अपाहिज अंतर्निष्ठा
बहुत वर्ष पहले की बात है। अश्विन महीना था, नवरात्रि के दिन अष्टमी के रोज सुबह मैं घूमने निकला था। वर्षा के भीगे हुए दिनों के बाद शरद की भोर बड़ी सुहावनी लग रही थी। वातावरण में ताजगी थी। चौड़ी सड़क के दोनों ओर के वृक्ष मेरे परिचित थे। उनमें भी गोल चक्कर के पास…
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