गुरुजी के अनुसार आधुनिक व्यवस्था भारत में सभी को संचार जाति वाला बनाती जा रही है। आज कोई भी व्यक्ति अपने गांव में रहकर जी
Month: April 2021
प्रस्तुत है एक भारत ऐसा भी का द्वितीय अंक, एक ऐसी कहानी, जो आपको सोचने पर विवश कर देगी। कहानी यहाँ लिखकर आपका मजा किरकिरा
‘विविधता’ हमारी व्यवस्था में स्वाभाविक रूप से पोषित होती है। तथाकथित भौगौलिक परिस्थितियों में विविधता के अलावा भी भारतीय समाज में व्यवस्था-जनित अन्य ढेरों चीजें
आज भी भारत के गाँवों में खुद रहे हजारों लाखों कुओं के लिए सेटेलाईट की कोई जरूरत नहीं पड़ती है, सिर्फ हाथ में नारियल लेकर
Dr Harsh Satya holds a PhD on the topic titled ‘Towards Revitalizing Diversity: A Study of the Traditional Jajmāni System in India’ from IIIT Hyderabad.