Category: All Articles
-
आधुनिकता – गुरूजी श्री रवीन्द्र शर्मा जी की दृष्टि से (२/५)
‘विविधता’ हमारी व्यवस्था में स्वाभाविक रूप से पोषित होती है। तथाकथित भौगौलिक परिस्थितियों में विविधता के अलावा भी भारतीय समाज में व्यवस्था-जनित अन्य ढेरों चीजें थीं, जिनके कारण हमारा समाज विविधतापूर्वक जीता था। आजकी आधुनिक व्यवस्था, भौगौलिक परिस्थितियों में पहले की तरह की ही विविधता होने के बावजूद भी, सब कुछ एक जैसा, एक समान…
//
-
आधुनिकता – गुरूजी श्री रवीन्द्र शर्मा जी की दृष्टि से (१/५)
आधुनिकता या आधुनिक व्यवस्था, ये दोनों ही गुरूजी के अध्ययन विषय नहीं हैं। उनके अध्ययन का मुख्य विषय तो भारतीयता और भारतीय समाज व्यवस्था ही है। पंरतु, गुरूजी की बातचीत में आधुनिकता के बारे में जितना कुछ पता चलता है, उतना अन्य कहीं मिलता, कम से कम मेरे लिए तो मुश्किल ही जान पड़ता है।…
//
-
धरमपाल जी की चिंता: सहजता और आत्म विश्वास कैसे लौटे
यह धरमपाल जी का शताब्दी वर्ष है। जगह जगह छोटे बड़े कार्यक्रम हो रहे हैं। अभी 19 तारीख को धर्मपाल जी के जन्मदिवस पर प्रधानमंत्री ने शांति निकेतन, बंगाल में दिये अपने एक भाषण में शिवाजी जयंती (जो उसी दिन पड़ती है) के साथ धर्मपाल जी के शोध का कुछ विस्तार से ज़िक्र भी किया।…
//
-
The Beautiful Tree – शिक्षा के औपनिवेशिक आख्यान को समझाती पुस्तक (भाग ३-४/४)
धर्मपाल की भाषा आरोप मढ़ने वाली भाषा नहीं है। वे जब भी ब्रिटिश शासन का उल्लेख करते हैं तो न के बराबर व्यक्तिगत होते हैं। उनकी भाषा एक सावधानीपूर्ण प्रयोग से युक्त है। यही बात उन्हें दूसरी धाराओं से जुदा करती है। इसके मूल उनके गांधीवादी चिंतन में हैं। गांधीजी सम्भवतः सबसे ताकतवर ढंग से…
//
-
The Beautiful Tree – शिक्षा के औपनिवेशिक आख्यान को समझाती पुस्तक (भाग २/४)
धर्मपाल के ब्रिटिशपूर्व भारतसंबंधी कार्य से गुज़रना एक विचित्र संसार में प्रवेश करने जैसा लगता है। इसका एक कारण तो यह कि पुराने भारत संबंधी अधिकतर व्याख्याएँ सांख्यिकीय आंकड़ों से विहीन मात्र भावुक घोषणाओं पर खड़ी रहती हैं या फ़िर पुराने भारत को सामाजिक अंतर्विरोधों के आधार पर कोसने में उत्सुक। ये कोई छिपी हुई…
//
-
धर्मपाल साहित्य परिचय
पिछली दो ढाई शताब्दियों से भारत का साधारण मनुष्य बड़े ही असमंजस से गुजर रहा है। एक ओर उसके संस्कार व उसकी परवरिश है, जो उसे ईश्वर में, सत्य में, धर्म में आस्था रखना सिखाते हैं, काल की चक्रियता को सिखाते हैं, बुरे वक्त में एक दूसरे के काम आना सिखाते हैं, कर भला तो…
//
-
The Beautiful Tree – शिक्षा के औपनिवेशिक आख्यान को समझाती पुस्तक (भाग १/४)
भूमिका: भारतीय शिक्षा भारतीय समाज से विच्छिन्न परिघटना नहीं है। शिक्षा समाज के लिए और समाज के भीतर ही होती है। अतः भारतीय शिक्षा के स्वरूप को भारतीय समाज के स्वरूप से तोड़कर देखना जानना संभव नहीं है। भारतीय शिक्षा पद्धति के सिलसिले में आधुनिक चिंतन धाराओं द्वारा की जाने वाली आलोचना दरअसल उस वक़्त…
//
-
Bharathiya – Non-Translatable words: Part 4. Rajya Vyavastha
Before the forcing of Democracy upon the people of Bharat, most scholars and historians say that Bharat was a country ruled by small kings with small kingdoms and they were always fighting with each other, but when we look at history without any tainted glasses, we find that this is not the case. It is…
//
-
Indian Nationality
About this article:The relation between a human and the land is much more than geographical. Today’s concept of Nation State talks strictly about geo – political borders and defies any other criteria of identity.Read the article by Ananda Coomaraswamy written in 1909 to delve into the idea of National Identity. Coomaraswamy talks about how different…
//
-
बी एच यू और काशी – २
बीएचयू तो काशी का एक हिस्सा है, पर एक अद्भूत इंसान की वजह से थोड़ा बहुत वाराणसी भी घूमना हुआ और कुछ गुणी सज्जनों से मिलना भी। इसकी वजह बने डॉक्टर कृष्ण कान्त शुक्ल – अमरिका में कई वर्ष Physics और खगोल शास्त्र पढ़ाने के बाद संगीत को अपना बना लिया, Physics छूट गई, या…
//
Search
Categories
- About Dharampalji's Work (7)
- All Articles (85)
- Bharatiya Shilpa Vyavastha (11)
- Blog (6)
- Deconstructing Modernity (10)
- Ek Bharat Aisa Bhi (6)
- English Articles (65)
- Events (2)
- Guruji Ravindra Sharma (37)
- Hindi Articles (113)
- Memoirs of Guruji Ravindra Sharma ji (8)
- Menstrual Wisdom (6)
- Non-Translatable Words (15)
- Videos (12)
- अंधेरी रात के तारे (13)
- भिक्षावृत्ति (1)
Tags
adilabad Ancient Indian Construction Technology Ancient Indian Sciences ashram Bharathiya Shilpa bharatiya bharatiya arthvyavastha Bharatiya Shastra bharatiyata bharatiya vyavastha civilisation Dharampal guruji indian civilisation Kala kala ashram modern development modernity ravindra sharma आदिलाबाद आधुनिकता कला आश्रम गुरुजी गुरुजी रविन्द्र शर्मा धर्मपाल भारतीय अर्थव्यवस्था भारतीय जीवनशैली भारतीयता रविंद्र शर्मा रवीन्द्र शर्मा जी